"Kuch To Azab Hai Apni Fauz Ki Goliyon Mein,
Chali Sarhad Ke Par Hai.. Aur Gaddar Yahan Karah Uthe"

"कुछ तो अजब है अपनी फ़ौज की गोलियों में,
चली सरहद के पार है...और ग़द्दार यहाँ कराह उठे..!!"

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