Kaafi Arsa Beet Gaya Hai, Jaane Ab Wo Kaisa Hoga?
Waqt Ki Saari Kadwi Baatein Chupke-Chupke Sehta Hoga,
Ab Bhi Barasti Hogi Barish Me Vo Bin Chatri Chalta Hoga,
Mujhse Bichde Arsa Beeta Ab Wo Kisse Ladta Hoga?
Accha Tha Jo Saath Hi Rehte, Baad Me Usne Socha Hoga,
Itne Naaz-O-Pyar Se Ab Weh Kiske Dil Me Rehta Hoga,
Apne Dil Ki Saari Baatein Ab Wo Kisse Karta Hoga?
Jab Bhi Yaad Main Aati Houngi, Tanha Baith Ke Rota Hoga
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काफ़ी अरसा बीत गया है, जाने अब वो कैसा होगा?
वक़्त की सारी कड़वी बातें चुपके-चुपके सहता होगा,
अब भी बरसती बारिश में वो बिन छतरी के चलता होगा,
मुझसे बिछड़े अरसा बीता अब वो किससे लड़ता होगा?
अच्छा था जो साथ ही रहते, बाद में उसने सोचा होगा,
इतने नाज़-ओ-प्यार से अब वह किसके दिल में रहता होगा,
अपने दिल की सारी बातें, अब वह किस से करता होगा?
जब भी याद मैं आती होऊँगी, तन्हा बैठ के रोता होगा.
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